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资治通鉴 111-120 .司马光.

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  [21]初,魏主闻高祖克长安,大惧,遣使请和,自是每岁交聘不绝。及高祖殂,殿中将军沈等奉使在魏,还,及河,魏主遣人追执之,议发兵取洛阳、虎牢、滑台。崔浩谏曰:“陛下不以刘裕起,纳其使贡,裕亦敬事陛下。不幸今死,遽乘丧伐之,虽得之不足为美。且国家今日亦未能一举取江南也,而徒有伐丧之名,窃为陛下不取。臣谓宜遣人吊祭,存其孤弱,恤其凶灾,使义声布于天下,则江南不攻自服矣。况裕新死,党与未离,兵临其境,必相帅拒战,功不可必。不如缓之,待其强臣争权,变难必起,然后命将出师,可以兵不疲劳,坐收淮北也。”魏主曰:“刘裕乘姚兴之死而灭之,今我乘裕丧而伐之,何为不可?”浩曰:“不然。姚兴死,诸子交争,故裕乘衅伐之。今江南无衅,不可比也。”魏主不从,假司空奚斤节,加晋兵大将军、行扬州刺史,使督宋兵将军·交州刺史周几、吴兵将军·广州刺史公孙表同入寇。

   [21]最初,北魏国主拓跋嗣听到东晋的太尉刘裕克复长安的消息,大为恐惧,立即派遣使臣请和。从此以后,两国使臣每年互访,来往不断。刘裕去世的时候,刘宋使臣殿中将军沈正出使北魏,告辞返国,刚到黄河,北魏国主便派人追赶,生擒而回。北魏还打算发兵攻取黄河南岸的洛阳、虎牢和滑台。白马公崔浩劝阻说:“当初陛下您没有因为刘裕骤然得势,而接纳他派遣的使臣和礼物,而刘裕对陛下也十分恭敬。不幸他现在去世了,我们却乘人家遭丧而兴兵讨伐,即使得手也不是光彩的事。更何况以我们国家眼下的实力,也不可一举夺取江南,却只落得个伐丧的恶名,我自以为陛下不该这样做。在我看来,我们应该派使节前往吊丧,抚慰孤儿寡妇,同情他们的不幸,从而使我们仁义的名声,传播天下,这样一来,长江以南的江山,不攻自服了。况且如今刘裕刚刚去世,其党羽还不曾离析,一旦大军压境,他们势必会同心协力抵抗,我们不一定能成功。不如稍稍延缓,等待他们的权臣争权内讧,变故和灾难必然发生,然后我们再调兵遣将,军士还不曾疲劳,即可坐收淮北的大片土地。”北魏国主拓跋嗣问道:“当年刘裕乘姚兴之死,一举灭掉了秦国。如今我要乘刘裕之死,讨伐刘宋,有什么不可以?”崔浩说:“那不一样。姚兴死后,他的儿子们拼命内争,刘裕才得以乘机讨伐。现在,江南的刘宋无机可乘,所以不可同日而语呀!”北魏国主拒不接受崔浩的意见,授司空奚斤以符节,命他加授晋兵大将军、代理扬州刺史等官职,率领宋兵将军、交州刺史周几,吴兵将军、广州刺史公孙表等,一起向刘宋进攻。

  [22]乙巳,魏主如南宫,遂如广宁。

   [22]乙巳(初五),北魏国主拓跋嗣抵达南宫,又前往广宁。

  [23]辛亥,魏人筑平城外郭,周围三十二里。

   [23]辛亥(十一日),北魏在平城兴筑外城,周围三十二里。

  [24]魏主如乔山。遂东如幽州;冬,十月,甲戌,还宫。

   [24]北魏国主拓跋嗣抵达乔山,再东行到达幽州。冬季,十月,甲戌(初五),回宫。

  [25]魏军将发,公卿集议于监国之前,以先攻城与先略地。奚斤欲先攻城,崔浩曰:“南人长于守城。昔苻氏攻襄阳,经年不拔。今以大兵坐攻小城,若不时克,挫伤军势,敌得徐严而来,我怠彼锐,此危道也。不如分军略地,至淮为限,列置守宰,收敛租谷,则洛阳、滑台、虎牢更在军北,绝望南救,必沿河东走;不则为囿中之物,何忧其不获也!”公孙表固请攻城,魏主从之。

   [25]北魏南征的大军将要出发,朝中的公卿显官在太子拓跋焘的殿前,举行会议,讨论应先攻城池还是先占领土地?奚斤认为应先攻取城池,崔浩反对,说:“南方人擅长守城。从前苻氏进攻襄阳,一年有余,不能破城。现在,我们以大军攻小城,如果不立即攻克,必定会挫伤军力,敌人就会慢慢的增援,我军疲劳而敌人气势正盛,这是十分危险的办法。我们不如分别派兵,夺取土地,以淮河为界限,依次委派地方官,征收田赋租金,把洛阳、滑台、虎牢远隔在我们大军的后方。当他们对南方的救援感到绝望的时候,必定会沿黄河往东走;即使不走,他们也已经是我们苑中的猎物,还用担心不能擒获?”吴军将军公孙表却仍然坚持先行攻城,拓跋嗣应许了公孙表的请求。

  于是奚斤等帅步骑二万,济河,营于滑台之东。时司州刺史毛德祖戍虎牢,东郡太守王景度告急于德祖,德祖遣司马翟广等将步骑三千救之。

  于是,北魏的奚斤统率步、骑兵二万人,渡过了黄河,在滑台之东安营扎寨。这时,刘宋的司州刺史毛德祖镇守虎牢,东郡太守王景度向毛德祖紧急求救。于是,毛德祖派遣司马翟广等率领步、骑兵三千前去救援。

  先是,司马楚之聚众在陈留之境,闻魏兵济河,遣使迎降。魏以楚之为征南将军、荆州刺史,使侵扰北境。德祖遣长社令王法政将五百人戍邵陵,将军刘怜将二百骑戍雍丘以备之。楚之引兵袭怜,不克。会台送军资,怜出迎之,酸枣民王玉驰以告魏。丁酉,魏尚书滑稽引兵袭仓垣,兵吏悉逾城走,陈留太守冯翊严棱诣斤降。魏以王玉为陈留太守,给兵守仓垣。

  在此之前,司马楚之在陈留境内招兵买马,集结力量。他听说北魏大军渡过黄河的消息,立即派遣使臣前往迎降。于是,北魏便任命司马楚之为征南将军、荆州刺史,命他侵略并骚扰刘宋的北部边境。毛德祖派遣长社县令王法政,率领五百人守卫邵陵,将军刘怜率领二百骑兵驻防雍丘,准备迎击敌人。司马楚之率军突袭刘怜,不能攻克。这时,正赶上刘宋朝廷为守军送来军用物资,刘怜出城迎接,酸枣县的居民王玉飞奔告诉了北魏军队。丁酉(二十八日),北魏尚书滑稽率兵袭击仓垣,守兵和官吏全都翻城逃走,陈留太守冯翊人严棱向奚斤投降。北魏任命王玉为陈留太守,拨给他军队,镇守仓垣。

  奚斤等攻滑台,不拔,求益兵,魏主怒,切责之。壬辰,自将诸国兵五万余人南出天关,逾恒岭,为斤等声援。

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