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资治通鉴 161-170 .司马光.

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  [6]齐主使王琳出合肥,召募伧楚,更图进取。合州刺史裴景徽,琳兄珉之婿也,请以私属为乡导。齐主使琳与行台左丞卢潜将兵赴之,琳沈吟不决。景徽恐事泄,挺身奔齐。齐主以琳为骠骑大将军、开府仪同三司、扬州刺史,镇寿阳。

  [6]北齐孝昭帝派王琳从合肥出发,召募北方武人,想求得进一步发展。陈朝合州刺史裴景徽,是王琳的哥哥王珉的女婿,他请求让他家里的奴仆为王琳充当向导。孝昭帝让王琳和行台左丞卢潜带兵一起去策应裴景徽,王琳为了慎重起见,便借口考虑考虑,一直没有作出决定。裴景徽担心自己求作内应的事泄漏出去,就挺身而出逃奔了北齐。孝昭帝任命王琳为骠骑大将军、开府仪同三司、扬州刺史,让他镇守寿阳。

  [7]已巳,周主享太庙,班太祖所述六官之法。

  [7]已巳(二十二日),北周国主在太庙祭拜祖宗,按太祖所定的六官之法进行排列。

  [8]辛未,周湘州城主殷亮降,湘州平。

  [8]辛未(二十四日),北周湘州城主殷亮投降陈国,湘州被平定。

  侯与贺若敦相持日久,不能制,乃借船送敦等渡江;敦虑其诈,不许,报云:“湘州我地,为尔侵逼;必须我归,可去我百里之外。”留船江岸,引兵去之。敦乃自拔北归,军士病死者什五六。武陵、天门、南平、义阳、河东、宜都郡悉平。晋公护以敦失地无功,除名为民。

  侯与贺若敦两军相持时日越来越长,侯不能取胜,于是就借了一些船只,说是要送贺若敦他们渡过长江回去。贺若敦担心其中有诈,没有同意,派人回答侯说:“湘州原是我们的地域,现在遭到你们的侵略威逼;如果要我退兵回去,你们先离开我军一百里之外。”侯把借来的船留在江岸,自己带兵退走了。贺若敦这才自己拔营北归,军士中病死的有十分之五六。武陵、天门、南平、义阳、河东、宜都郡都平定了。晋公宇文护因为贺若敦既失去土地,又没有战功,便把他撤职黜为平民。

  [9]二月,甲午,周主朝日于东郊。

  [9]二月,甲午(十八日),北周国主在东郊朝拜日神。

  [10]周人以小司徒韦孝宽尝立勋于玉壁,乃置勋州于玉壁,以孝宽为刺史。

  [10]北周因为小司徒韦孝宽曾在玉壁建立过功勋,于是就在玉壁设置勋州,任命韦孝宽为刺史。

  孝宽有恩信,善用间谍,或齐人受孝宽金货,遥通书疏,故齐之动静,周人皆先知之。有主帅许盆,以所戍城降齐,孝宽遣谍取之,俄斩首而还。

  韦孝宽为人讲信用,善施恩,也善于利用间谍。有的北齐人接受了韦孝宽的金钱财物,远远地寄来情报书信,所以北齐方面的动静,北周人都事先知道得一清二楚。有一个主帅叫许盆,献出他戍守的城池去投降北齐,韦孝宽派间谍去杀他,不久果然把他斩首,顺利归来。

  离石以南,生胡数为抄掠,而居于齐境,不可诛讨。孝宽欲筑城于险要以崐制之,乃发河西役徒十万,甲士百人,遣开府仪同三司姚岳监筑之。岳以兵少,惧不敢前。孝宽曰:“计此城十日可毕。城距晋州四百馀里,吾一日创手,二日敌境始知。设使晋州征兵,三日方集,谋议之间,自稽二日,计其军行,二日不到,我之城隍,足得办矣。”乃令筑之。齐人果至境上,疑有大军,停留不进。其夜,孝宽使汾水以南傍介山、稷山诸村纵火,齐人以为军营,收兵自固。岳卒城而还。

  离石郡以南,不肯归附的胡人多次来骚扰虏掠,抢了就跑,而他们住在北齐境内,所以不能越境去征讨。韦孝宽想在险要处修筑城垣来制伏他们,于是征发河西一带民工十万人,兵士一百人,派开府仪同三司姚岳去监督修筑。姚岳因为兵少,心里害怕不敢去。韦孝宽说:“我估计这座城十天就可以修筑完毕。城址离晋州四百多里地,我们第一天开始动工,第二天敌人境内才会得到消息。假设晋州方面调集军队,三天才能调齐,谋划商议对策,自然得费去两天,计算一下敌军的行军速度,两天是赶不到我们修城的地方的,等他们到来时,我们的城垣壕沟早修成了。”于是就下令开始修筑。北齐军队果然来到边境上探望,因怀疑有大军埋伏在民工后头,就停下来不再前进。当天晚上,韦孝宽让汾水以南靠着介山、稷山的那些村庄故意纵火,北齐人望见火光,以为那就是军营,赶快收兵,回去自守去了。姚岳最终把城修好,顺利返回了。
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