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资治通鉴 171-180 .司马光.

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  当初北周的伊娄谦聘问北齐,他的参军高遵把北周将征伐北齐的情报通报北齐,北齐便把伊娄谦扣留在晋阳。北周国主武帝攻下晋阳以后,召见伊娄谦,对他加以慰问。捉了高遵交给伊娄谦,让他进行报复。伊娄谦对北周武帝叩头,请求赦免高遵,武帝说:“您可以召集大家向他脸上吐口水,使他知道羞愧。”伊娄谦说:“以高遵的罪行,不是向脸上吐口水所能责备的。”武帝认为他的话很对而没有责罚高遵。尹娄谦对待高遵一如既往。

  臣光曰:赏有功,诛有罪,此人君之任也。高遵奉使异国,漏泄大谋,斯叛臣也;周高祖不自行戮,乃以赐谦,使之复怨,失政刑矣!孔子谓以德报怨者何以报德。为谦者,宜辞而不受,归诸有司,以正典刑。乃请而赦之以成其私名,美则美矣,亦非公义也。

  臣司马光曰:赏有功,诛有罪,这是君主的责任。高遵奉命出使异国,泄漏重大的机密,这就是叛臣;北周高祖不是自己下令加以处死,却把他送给伊娄谦,使他报复怨恨,有失刑赏的教化!孔子所说的以德报怨者用什么来报德,作为伊娄谦,应当推掉而不接受,把高遵送交官府,明正典刑。他却请求君主对高遵赦免以取得个人的好名声,美倒是美了,但并不符合公义。

  [23]齐主命立重赏以募战士,而竟不出物。广宁王孝珩请“使任城王将幽州道兵入土门,扬声趣并州,独孤永业将洛州道兵入潼关,扬声趣长安,臣请将京畿兵出滏口,鼓行逆战。敌闻南北有兵,自然逃溃。”又请出宫人珍宝赏将士。齐主不悦。斛律孝卿请齐主亲劳将士,为之撰辞,且曰:“宜慷慨流涕,以感激人心。”齐主既出,临众,将令之,不复记所受言,遂大笑,左右亦笑。将士怒曰:“身尚如此,吾辈何急!”皆无战心。于是自大丞相已下,太宰、三师、大司马、大将军、三公等官,并增员而授,或三或四,不可胜数。

  [23]北齐后主命令立重赏来征募战士,而竟然不拿出东西来。广宇王高孝珩请求:“派任城王高率领幽州道的士兵开进土门关,扬言进取并州,独孤永业率领洛州道的士兵开进潼关,扬言进取长安,臣请求率领京畿的士兵出滏口,击鼓前进迎战。敌人听到南北有兵,自然逃走溃散。”又请求取出宫女和珍宝赏给将士。北齐后主很不高兴。斛律孝卿请北齐国主亲自慰劳将士,替后主撰写文辞,并且说:“应该慷慨流泪,以感动激励人心。”北齐后主走出来,面对大家将要发布号令,却忘记了斛律孝卿告诉他的话,便大笑起来,左右的人也笑。将士们发怒说:“他们自身还这样,我们何必着急!”都没有打仗的心思。于是只好从大丞相以下,太宰、三师、大司马、大将军、三公等高官,都增加编制授给官职,或者三人或者四人,多到不可胜数。

  朔州行台仆射高劢将兵侍卫太后、太子,自土门道还邺。时宦官仪同三司苟子溢犹恃宠纵暴,民间鸡彘,纵鹰犬搏噬取之;劢执以徇,将斩之;太后救之,得免。或谓劢曰:“子溢之徒,言成祸福,独不虑后患邪?”劢攘袂曰:“今西寇已据并州,达官率皆委叛,正坐此辈浊乱朝廷。若得今日斩之,明日受诛,亦无所恨!”劢,岳之子也。甲子。齐太后至邺。

  朔州行台仆射高劢带兵侍卫太后、太子,从土门关一路回到邺城。当时宦官仪同三司苟子溢等人还依仗君主的宠受放纵横暴,老百姓的鸡猪,被他们放出的猎鹰和猎狗搏击啮咬然后抢走;高劢捉住他们当众宣布,将要把他们处死崐;太后说情求救,得到赦免。有人对高劢说:“苟子溢之流,说话能使人遭祸得福,你难道不担心后患吗?”高劢捋起衣袖说:“现在西面的敌寇已经占领了并州,显贵的大臣们都弃职叛逃,正因为这帮家伙把朝廷搞得污浊混乱。如果我能在今天把他们杀掉,自己明天被处死,也没有遗憾!”高劢是高岳的儿子。甲子(二十日),北齐太后到邺城。

  丙寅,周主出齐宫中珍宝服玩及宫女二千人,班赐将士,加立功者官爵各有差。周主问高延宗以取邺之策,辞曰:“此非亡国之臣所及。”强问之。乃曰:“若任城王据邺,臣不能知。若今主自守,陛下兵不血刃。”癸酉,周师趣邺,命齐王宪先驱,以上柱国陈王纯为并州总管。

  丙寅(二十二日),北周国主取出北齐宫中的珍宝服用和玩赏的物品以及二千个宫女,颁赐给将士,对立功者按等级加官爵。北周国主向高延宗询问夺取邺城的计策,高延宗推辞说:“这不是亡国之臣所能回答的。”强迫他回答,高延宗才说:“如果是任城王据守邺城,那么臣无法知道。如果是当今齐主自己据守,那么陛下可以不经交锋就取得胜利。”癸酉(二十九日),北周军队进取邺城,命令齐王宇文宪为先驱,任命上柱国陈王宇文纯为并州总管。

  齐主引诸贵臣入朱雀门,赐酒食,问以御周之策,人人异议,齐主不知所从。是时人情惧,莫有斗心,朝士出降,昼夜相属。高劢曰:“今之叛者,多是贵人,至于卒伍,犹未离心。请追五品已上家属,置之三台,因胁之以战,若不捷,则焚台。此曹顾惜妻子,必当死战。且王师频北,贼徒轻我,今背城一决,理必破之。”齐主不能用。望气者言,当有革易。齐主引尚书令高元海等议,依天统故事,禅位皇太子。

  北齐后主领着显贵大臣进朱雀门,赐给他们酒食,询问抵御北周的计策,各人的说法不一,北齐后主不知听谁的好。这时人们的心情恐惧,没有打仗的心思。朝中的士官出城投降,白天黑夜接连不断。高劢说:“现在的叛徒,很多是显贵,至于一般的士兵,还没有离心。请追回五品以上官员的家属,安置在三台,并强迫他们参加打仗,如果不能取胜,就焚烧他们家属所在的三台。这种人都顾惜自己的老婆孩子,一定会拼死作战。况且我们的军队频频败北,敌人一定轻视我们,现在背城决一死战,按理一定能打败他们。”北齐后主不采纳高劢的意见。懂星象变化的人说,朝廷将会有变革更易。北齐后主叫来尚书令高元海等人商议,决定按照武成帝禅位给他的做法,把帝位传给皇太子。




资治通鉴第一百七十三卷

陈纪七 高宗宣皇帝中之下太建九年(乙酉、577)
  陈纪七 陈宣帝太建九年(丁酉,公元577年)

  [1]春,正月,乙亥朔,齐太子恒即皇帝位,生八年矣;改元承光,大赦。尊齐主为太上皇帝,皇太后为太皇太后,皇后为太上皇后。以广宁王孝珩为太宰。
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