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资治通鉴 171-180 .司马光.

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  [1]春季,正月,辛酉(初六),东京建成,炀帝提升将作大匠宇文恺为开府仪同三司。

  [2]丁卯,遣十使并省州县。

  [2]丁卯(十二日),炀帝派十名使者合并简省州县。

  [3]二月,丙戌,诏吏部尚书牛弘等议定舆服、仪卫制度。以开府仪同三司何稠为太府少卿,使之营造,送江都。稠智思精巧,博览图籍,参会古今,多所损益;衮冕画日、月、星辰,皮弁用漆纱为之。又作黄麾三万六千人仗,及辂辇车舆,皇后卤簿,百官仪服,务为华盛,以称上意。课州县送羽毛,民求捕之,网罗被水陆,禽兽有堪氅之用者,殆无遗类。乌程有高树,逾百尺,旁无附枝,上有鹤巢,民欲取之,不可上,乃伐其根;鹤恐杀其子,自拔氅毛投于地,时人或称以为瑞,曰:“天子造羽仪,鸟兽自献羽毛。”所役工十万余人,用金银钱帛钜亿计。帝每出游幸,羽仪填街溢路,亘二十余里。三月,庚午,上发江都,夏,四月,庚戌,自伊阙陈法驾,备千乘万骑入东京。辛亥,御端门,大赦,免天下今年租赋。制五品已上文官乘车,在朝弁服,佩玉;武官马加珂,戴帻,服裤褶。文物之盛,近世莫及也。

  [3]二月,丙戌(初一),炀帝下诏命吏部尚书牛弘等人议定皇帝的车驾服饰、仪仗制度。任命开府仪同三司何稠为太府少卿,让他负责督办,送往江都。何稠聪慧精巧,博览群书,参酌古今制度,作了不少增减。他在天子礼服上画日、月、星、辰,用漆纱制成皮帽。何稠又制做三万六千人的黄麾仪仗,以及辂辇、车舆和皇后的仪仗,文武百官的礼服,都务求华丽壮观以使炀帝满意。又向各州县征收羽毛,百姓为了搜捕鸟兽,水上陆地都置满了捕鸟兽的罗网,可用作羽毛装饰的鸟兽几乎被捕尽杀绝。乌程有棵很高的树超过百尺,树周没有可以攀附的枝条,树上有鹤巢,有人要捉鹤,但爬不上树,就砍伐树根。鹤怕它的后代被杀,就自己把羽毛拔下来扔在地上。当时有人称之为吉祥的征兆,说:“天子制羽仪,鸟兽自动献羽毛。”服役的工匠有十万余人,用的金银钱帛不计其数。炀帝每次出行,羽仪仪仗队伍把街巷都填满了,连绵二十余里。三月,庚午(疑误),炀帝从江都出发。夏季,四月,庚戌(二十六日),从伊阙排列千乘万骑的车驾仪仗进入东京。辛亥(二十七日),炀帝驾临端门,下诏大赦天下,免除今年的租赋。制定五品以上文官的车、上朝时的礼服、佩玉等品级规制;武官的马要用珍贵的贝类来装饰,人须戴头巾,穿骑服。礼乐典章的盛况,近世无法相比。

  [4]六月,壬子,以杨素为司徒;进封豫章王为齐王。

  [4]六月,壬子(二十九日),炀帝任命杨素为司徒;进封豫章王杨为齐王。

  [5]秋,七月,庚申,制百官不得计考增级,必有德行、功能灼然显著者进擢之。帝颇惜名位,群臣当进职者,多令兼假而已;虽有阙员,留而不补。时牛弘为吏部尚书,不得专行其职,别敕纳言苏威、左翊卫大将军宇文述、左骁卫大将军张瑾、内史侍郎虞世基、御史大夫裴蕴、黄门侍郎裴矩参掌选事,时人谓之“选曹七贵”。虽七人同在坐,然与夺之笔,虞世基独专之,受纳贿赂,多者超越等伦,无者注色而已。蕴,邃之从曾孙也。

  [5]秋季,七月,庚申(初八),规定百官不能按正常的考核制度升级,必须有德行,并有显著功劳、能力的人才得以提升。炀帝很吝惜名位,群臣中崐有应当升官进爵的,多让其兼职暂代而已。虽然有的职务有空缺,却空着不补上。当时牛弘任吏部尚书,都不能专行其职,炀帝另外又命令纳言苏威、左翊卫大将军宇文述、左骁卫大将军张瑾、内史侍郎虞世基、御史大夫裴蕴、黄门侍郎裴矩参予掌握选择官吏之事,当时人们称之为“选曹七贵”。虽然这七个人同时在坐,但是官吏升迁任免的实权,由虞世基独霸,他收受贿赂,行贿多的人就超越等级和不按一般常理去提拔,不行贿的人就仅只登记而已。裴蕴是裴邃的堂房曾孙。

  [6]元德太子昭自长安来朝,数月,将还,欲乞少留;帝不许。拜请无数,体素肥,因致劳疾,甲戌,薨。帝哭之,数声而止,寻奏声伎,无异平日。

  [6]元德太子杨昭从长安来朝见炀帝,几个月后要返回长安。他想乞求允许再留住一些时候,炀帝不许,杨昭跪拜请求了无数次,他身体本来就很胖,因此得病,甲戌(二十二日),太子杨昭去世。炀帝哭了几声就罢了,寻欢作乐,声色歌妓,与平常没什么两样。

  [7]楚景武公杨素,虽有大功,特为帝所猜忌,外示殊礼,内情甚薄。太史言隋分野有大丧,乃徙素为楚公,意言楚与隋同分,欲以厌之。素寝疾,帝每令名医诊候,赐以上药,然密问医者,恒恐不死。素亦自知名位已极,不肯铒药,亦不将慎,谓其弟约曰:“我岂须更活邪!”乙亥,素薨,赠太尉公、弘农等十郡太守,葬送甚盛。

  [7]楚景武公杨素,虽然有大功,却特别被炀帝所猜忌,表面上对杨素以特殊的礼遇,实际上对待杨素很苛薄。太史说隋的分野应有大丧,于是炀帝改封杨素为楚公,意思是说楚与隋同在一分野内,想以此来镇压妖邪。杨素卧病,炀帝常常命名医给杨素治病,赐给杨素上好的药,但暗地里问医生,总怕杨素不死。杨素也知道自己的名分和地位已经达到了顶点,不肯吃药,也不再仔细调养,杨素对他弟弟杨约说:“我还再活着干吗?”乙亥(二十三日),杨素去世。炀帝赠杨素为太尉公、弘农等十郡太守的官衔,对他的葬礼葬送极为隆重丰厚。

  [8]八月,辛卯,封皇孙为燕王,侗为越王,侑为代王,皆昭之子也。

  [8]八月,辛卯(初九),炀帝封皇孙杨为燕王,杨侗为越王,杨侑为代王,他们都是杨昭的儿子。

  [9]九月,乙丑,立秦孝王子浩为秦王。
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