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资治通鉴 191-200 .司马光.

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  己巳(二十九日),太宗在渑池县的天池打猎。十一月,壬申(初二),回到洛阳行宫。

  前宜州刺史郑元,已致仕,上以其尝从隋炀帝伐高丽,召诣行在;问之,对曰:“辽东道远,粮运艰阻;东夷善守城,攻之不可猝下。”上曰:“今日非隋之比,公但听之。”

  前宜州刺史郑无已经退休在家,太宗因为他过去曾跟从隋炀帝讨伐高丽,特意将他召到行宫,问他讨伐高丽的计策,郑元答道:“辽东路途遥远,运粮较为艰难。高丽人善于守城,攻城不能很快攻下。”太宗说:“今日已非隋朝时候可比,你只等着听好消息吧。”

  张俭等值辽水涨,久不得济,上以为畏懦,召俭诣洛阳。至,具陈山川险易,水草美恶;上悦。

  张俭等率领的部队正赶上辽水发大水,长时间渡不了河,太宗认为他们害怕对方,急召张俭到洛阳。张俭到后,详细陈述山川地势的险恶与平易,水草的丰美与恶劣,太宗听后很高兴。

  上闻州刺史程名振善用兵,召问方略,嘉其才敏,劳勉之,曰:“卿有将相之器,朕方将任使。”名振失不拜谢,上试责怒,以观其所为,曰:“山东鄙夫,得一刺史,以为富贵极邪!敢于天子之侧,言语粗疏;又复不拜!”名振谢曰:“疏野之臣,未尝亲奉圣问,适方心思所对,故忘拜耳。”举止自若,应对愈明辩。上乃叹曰:“房玄龄处朕左右二十余年,每见朕谴责余人,颜色无主。名振平生未尝见朕,朕一旦责之,曾无震慑,辞理不失,真奇士也!”即日拜右骁卫将军。

  太宗听说州刺史程名振善于用兵打仗,便召见他问以方略,赞扬他才思敏捷,慰勉他,说道:“你有将相之才,朕将要对你有所任用。”程名振失礼不拜谢,太宗假装恼怒,以观察他的态度,说道:“关东一个山村野夫,得到一个刺史职位,便认为是富贵之极了!你竟敢在天子身边,言语粗鲁,而且还不拜谢!”程名振谢罪道:“我本是粗疏之臣,未曾亲身恭奉过皇上的垂问,刚才只想着如何对答,所以忘了拜谢了。”举止自如,应答更为清楚。太宗

  于是感叹道:“房玄龄在朕身边二十多年,每次看见朕斥责别人,脸色惶恐不能自持。程名振平生未曾见过朕一面,朕一时责怪他,竟会毫无惧色,言语没有差错,真是天下的奇人!”当日即拜官为右骁卫将军。

  甲午,以刑部尚书张亮为平壤道行军大总管,帅江、淮、岭、峡兵四万,长安、洛阳募士三千,战舰五百艘,自莱州泛海趋平壤;又以太子詹事、左卫率李世为辽东道行军大总管,帅步骑六万及兰、河二州降胡趣辽东,两军合势并进。庚子,诸军大集于幽州,遣行军总管姜行本、少府少监丘行淹先督众工造梯冲于安萝山。时远近勇士应募及献攻城器械者不可胜数,上皆亲加损益,取其便易。又手诏谕天下,以“高丽盖苏文弑主虐民,情何可忍!今欲巡幸幽、蓟,问罪辽、碣,所过营顿,无为劳费。”且言:“昔隋炀帝残暴其下,高丽王仁爱其民,以思乱之军击安和之众,故不能成功。今略言必胜之道有五:一曰以大击小,二曰以顺讨逆,三曰以治乘乱,四曰以逸待劳,五曰以悦当怨,何忧不克!布告元元,勿为疑惧!”于是凡顿舍供费之具,减者太半。

  甲午(二十四日),任命刑部尚书张亮为平壤道行军大总管,率领江、淮、岭、峡四州兵马四万人,又在长安、洛阳召募士兵三千人,战舰五百艘,从莱州渡海直逼平壤;又任命太子詹事、左卫率李世为辽东道行军大总管,率领步骑兵六万人以及兰、河二州投降的胡族兵马进逼辽东,两支部队合围并进。庚子(三十日),各路大军会集在幽州,太宗派行军总管姜行本、少府少监丘行淹先行在安罗山监督众工匠制造练习登高冲锋用的云梯。当时远近的勇士纷纷应召当兵以及献出各种攻城器械不计其数,太宗都亲自加以挑选淘汰,取其方便简易的器械。又手书诏令传令天下,说道:“高丽盖苏文杀死君王肆虐百姓,其情形实在是忍无可忍!如今朕要亲自巡幸幽、蓟二州,向辽东、碣石一带兴师问罪,所经过之地的营房,不要过于劳费百姓。”而且说:“从前隋炀帝残暴百姓,高丽王却对百姓仁爱,以人心思乱的军队去进攻求安思和的民众,所以不能取得胜利。现在朕略说必胜之道有五条:一是以强大进攻弱小,二是以顺应时势去讨伐倒行逆施,三是以安定去乘机进攻敌方的内乱,四是以逸待劳,五是以百姓悦服的国家去进攻百姓积怨的国家,何愁不能取胜!以此布告黎民百姓,不要产生疑惧。”于是各种行军征战的物资费用减少了一大半。

  [17]十二月,辛丑,武阳懿公李大亮卒于长安,遗表请罢高丽之师。家馀米五斛,布三十匹。亲戚早孤为大亮所养,丧之如父者十有五人。

  [17]十二月,辛丑(初一),武阳懿公李大亮在长安去世,遗书请求停止进攻高丽。他家中只剩余五斛米,三十匹布。亲属早死成为孤儿,被李大亮收养的十五个人,如同死了自己的父亲一样服丧。

  [18]壬寅,故太子承乾卒于黔州,上为之废朝,葬以国公礼。

  [18]壬寅(初二),前太子李承乾死于黔州,太宗为此不上早朝,以国公礼安葬。

  [19]甲寅,诏诸军及新罗、百济、奚、契丹分道击高丽。

  [19]甲寅(十四日),太宗下诏令各路大军以及新罗、百济、奚、契丹分兵几路进攻高丽。
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