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资治通鉴 211-220 .司马光.

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四载(乙酉、745)

  四载(乙酉,公元745年)

  [1]春,正月,庚午,上谓宰相曰:“朕比以甲子日,于宫中为坛,为百姓祈福,朕自草黄素置案上,俄飞升天,闻空中语云:‘圣寿延长。’又朕于嵩山炼药成,亦置坛上,及夜,左右欲收之,又闻空中语云:‘药未须收,此自守护。’达曙乃收之。”太子、诸王、宰相,皆上表贺。

  [1]春季,正月庚午(十二日),玄宗对宰相说:“朕近来于甲子日在宫中设置祭坛,为天下百姓祈求幸福,朕亲自在黄素绢上写了字放置在香案上,不一会儿飞入天空,听见空中说道:‘圣寿延长。’朕又于嵩山炼成了仙药,也放置在坛上,到了晚上,左右的人想要把药收起来,又听见空中说道:‘药不必要收,就放在这里好好守护。’到了天亮才把药收起。”太子、诸王和宰相听玄宗说后,都上表恭贺。

  [2]回纥怀仁可汗击突厥白眉可汗,杀之,传首京师。突厥毗伽可敦帅众来降。于是北边晏然,烽燧无警矣。

  [2]回纥怀仁可汗进攻并斩杀了突厥白眉可汗,传其首级到京师。突厥毗伽可敦帅部众来投降。从此唐朝的北方边疆安然,没有战事。

  回纥斥地愈广,东际室韦,西抵金山,南跨大漠,尽有突厥故地。怀仁卒,子磨延啜立,号葛勒可汗。

  回纥开拓占领的地方越来越广大,东达室韦,西至金山,南跨有大漠,尽占了突厥的旧地。怀仁可汗死后,儿子磨延啜继位,号为葛勒可汗。

  [3]二月,己酉,以朔方节度使王忠嗣兼河东节度使。忠嗣少以勇敢自负,及镇方面,专以持重安边为务,常曰:“太平之将,但当抚循训练士卒而已,不可疲中国之力以邀功名。”有漆弓百五十斤,常贮之橐中,以示不用。军中日夜思战,忠嗣多遣谍人伺其间隙,见可胜,然后兴师,故出必有功。既兼两道节制,自朔方至云中,边陲数千里,要害之地,悉列置城堡,斥地各数百里。边人以为自张仁之后,将帅皆不及。

  [3]二月,己酉(二十一日),玄宗任命朔方节度使王忠嗣兼任河东节度使。王忠嗣少年时代就以勇敢而自负,镇守一方,专以稳定安静边疆为首要任务,常常说:“太平时代的将帅,应该安抚训练士卒,不能疲劳国力而求功名。”他有漆弓重一百五十斤,常常藏在口袋之中,向军士表示不可轻意用兵。军中士卒日夜想要出战,王忠嗣就派遣暗探侦察敌人的动静,见有机可乘,战而能胜,然后才出兵,所以出兵必有战功。兼任两镇节度使后,从朔方至云中,数千里长的边疆,在要害地方,都列置城堡,开拓地方各达数百里。边疆人们都认为从张仁以后,将帅都不如他。

  [4]三月,壬申,上以外孙独孤氏为静乐公主,嫁契丹王李怀节;甥杨氏为宜芳公主,嫁奚王李延宠。

  [4]三月,壬申(十四日),玄宗封外孙女独孤氏为静乐公主,嫁给契丹王李怀节。封外甥女杨氏为宜芳公主,嫁给奚王李延宠。

  [5]乙巳,以刑部尚书裴敦复充岭南五府经略等使。五月,壬申,敦复坐逗留不之官,贬淄川太守,以光禄少卿彭果代之。上嘉敦复平海贼之功,故李林甫陷之。

  [5]乙巳(疑误),玄宗任命刑部尚书裴敦复为岭南五府经略等使。五月壬申(十五日),裴敦复因为逗留不去任职,被贬为淄川太守,任命光禄少卿彭果代替。玄宗嘉奖裴敦复讨平海盗吴令光的战功,所以李林甫就陷害他。

  [6]李适之与李林甫争权有隙。适之领兵部尚书,驸马张为侍郎,林甫亦恶之,使人发兵部铨曹奸利事,收吏六十余人付京兆与御史对鞫之,数日,竟不得其情。京兆尹萧炅使法曹吉温鞫之。温入院,置兵部吏于外,先于后厅取二重囚讯之,或杖或压,号呼之声,所不忍闻;皆曰:“苟存余生,乞纸尽答。”兵部吏素闻温之惨酷,引入,皆自诬服,无敢违温意者。顷刻而狱成,验囚无榜掠之迹。六月,辛亥,敕诮责前后知铨侍郎及判南曹郎官而宥之。,均之兄;温,顼之弟子也。

  [6]李适之与李林甫因争权产生矛盾。李适之兼任兵部尚书,驸马张为兵部侍郎,也受到李林甫的忌恨,于是就指使人说兵部掌管铨选的官吏有收受贿赂的事,逮捕了六十多人,交付给京兆府与御史台对审,审了数天,还没有审出结果。京兆尹萧炅就让法曹吉温审问。吉温进入院子后,让兵部的官吏呆在外面,先从后厅押来两个重刑犯人审讯,或打或压,用尽酷刑,犯人号呼的声音,惨不忍闻,都说:“只要让我活命,拿纸来,我什么都承认。”兵部的官吏早就听说过吉温残酷无情,被引入院后,都违心地认了罪,无人敢于违背吉温的意图。很快,这件冤案就被铸成,而检验犯人,还没有被打过的痕迹。六月辛亥(二十五日),玄宗下敕书责备前后主持铨选的侍郎与南曹郎官,然后赦免了他们。张是张均的哥哥,吉温是吉顼的侄子。
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