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资治通鉴 221-230 .司马光.

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  [7]三月,朝廷在郾城设置州。

  [8]辛巳,以汾州刺史王为振武军使、镇北·绥·银等州留后。

  [8]辛巳(二十二日),德宗任命汾州刺史王为振武军使和镇北、绥、银等州留后。

  [9]遣殿中少监崔汉衡使于吐蕃。

  [9]朝廷派遣殿中少监崔汉衡出使吐蕃。

  [10]梁崇义虽与李正己等连结,兵势寡弱,礼数最恭。或劝其入朝,崇义曰:“来公有大功于国,上元中为阉宦所谗,迁延稽命;及代宗嗣位,不俟驾入朝,犹不免族诛。吾岁久衅积,何可往也!”淮宁节度使李希烈屡请讨之,崇义惧,益修武备。流人郭昔告崇义为变,崇义闻之,请罪,上为之杖昔,远流之;使金部员外郎李舟诣襄州谕旨以安之。舟尝奉使诣刘文喜,为陈祸福,文喜囚之,会帐下杀文喜以降,诸道跋扈者闻之,谓舟能覆城杀将。至襄州,崇义恶之;舟又劝崇义入朝,言颇切直,崇义益不悦。及遣使宣慰诸道,舟复诣襄州,崇义拒境不内,上言“军中疑惧,请易以他使。”时两河诸镇方猜阻,上欲未恩信以安之,夏,四月,庚寅,加崇义同平章事,妻子悉加封赏,赐以铁券;遣御史张著赍手诏徵之,仍以其裨将蔺杲为邓州刺史。

  [10]梁崇义虽然与李正己等人联合起来,但是兵少势弱,对朝廷的礼节也最为恭敬。有人劝他到朝廷中去做官,梁崇义说:“来为国家立下了大功,上元年间却遭到宦官的谗言诽谤,因此拖延着不应召入朝。等到代宗继位以后,来不待驾好车马,便去朝见,尚且不能避免族诛之祸。我多年来与朝廷积下许多嫌隙,怎么能够再到朝廷去呢!”淮宁节度使李希烈屡次请求讨伐梁崇义,梁崇义害怕,益发整治军备。流人郭昔告发梁崇义准备叛乱,梁崇义听到此言,向朝廷请罪。德宗为此杖责郭昔,将他流放远方,还让金部员外郎李舟至襄州宣布圣旨,使梁安心。李舟曾经奉命出使刘文喜处,向他陈述利害,刘文喜将他囚禁起来。适逢部下杀了刘文喜,归降朝廷,各道专横跋扈的将帅听说了,都说李舟有倾覆城池、斩杀大将的本领。李舟来到襄州,梁崇义厌恶他。李舟又规劝梁崇义入朝,讲话直率而切中要害,梁崇义愈加不高兴。及至派遣使者安抚各道的时候,李舟再次来到襄州,梁崇义将李舟拒于境外,不肯接待,并上奏说:“军中疑虑恐惧,请改派别的使者。”当时,两河各镇正在猜疑朝廷,德宗打算显示恩典信义,使他们安心。夏季,四月,庚寅(初二),德宗加封梁崇义同平章事,对他的妻子儿女全都予以封赏,赐给铁券,派遣御史张著带着皇帝的手诏征召他,还任命他的副将蔺杲为邓州刺史。

  [11]五月,丙寅,以军兴,增商税为什一。

  [11]五月,丙寅(初八),因战事兴起,朝廷将商税增至十分之一。

  [12]田悦卒与李正己、李惟岳定计,连兵拒命,遣兵马使孟将步骑五千北助惟岳。薛嵩之死也,田承嗣盗据、相二州,朝廷独得邢、磁二州及临县。悦欲阻山为境,曰:“邢、磁如两眼,在吾腹中,不可不取。”乃遣兵马使康将八千人围邢州,别将杨朝光将五千人栅于邯郸西北以断昭义救兵,悦自将兵数万围临;邢州刺史李共、临将张坚壁拒守。

  [12]田悦终于与李正己、李惟岳定下计划,联合三镇兵马,抗拒朝命,派遣兵马使孟带领步兵、骑兵共五千人,北去援助李惟岳。薛嵩死去时,田承嗣私下强占了州和相州,朝廷只得到邢州和磁州以及临县。田悦打算依凭山势划分边境,便说:“邢州和磁州就象围棋中的两个眼,在我的中腹部位,不可不攻取。”于是,田悦派遣兵马使康带领八千人包围邢州,派遣别将杨朝光带领五千人在邯郸西北竖起栅栏,以切断昭义的救兵,田悦则亲自带兵数万人,包围临县。邢州刺史李共、临将领张坚固壁垒,抵御围兵。

  贝州刺史邢曹俊,田承嗣旧将也,老而有谋,悦宠信牙官扈而疏之,及攻临,召曹俊问计,曹俊曰:“兵法十围五攻;尚书以逆犯顺,势更不侔,今顿兵坚城之下,粮竭卒尽,自亡之道也。不若置万兵于崞口以遏西师,则河北二十四州皆为尚书有矣。”诸将恶其异己,共毁之,悦不用其策。

  贝州刺史邢曹俊是田承嗣原来的将领,年事高,有谋略,但田悦宠信牙官扈而疏远邢曹俊。及至攻打临时,田悦将邢曹俊召来询问计策,邢曹俊说:“兵法认为,兵力十倍于敌人,才可包围敌人,五倍于敌人,才可攻打敌人,你以叛逆军队侵犯朝廷,这形势就更不能同兵法上讲的相比了。现在军队受阻于坚固的城池之下,粮食一光,士卒便会跑光,这真是自取灭亡。不如在崞口安置士兵一万人,以便阻止西面的军队,河北二十四州便都归你所有了。”诸将领讨厌邢曹俊的说法与自己不同,便一同诋毁他,田悦也就未采用邢曹俊的计策。


资治通鉴第二百二十七卷

唐纪四十三德宗神武圣文皇帝二建中二年(辛酉、781)

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