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资治通鉴 221-230 .司马光.

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  贼入宫,登含元殿,大呼曰:“天子已出,宜人自求富!”遂欢噪,争入府库,运金帛,极力而止。小民因之,亦入宫盗库物,通夕不已。其不能入者,剽夺于路。诸坊居民各相帅自守。姚令言与乱兵谋曰:“今众无主,不能持久,朱太尉闲居私第,请相与奉之。”众许诺。乃遣数百骑迎于晋昌里第。夜半,按辔列炬,传呼入宫,居含元殿,设警严,自称权知六军。

  乱兵进入宫中,登上含元殿,大声喊叫着说:“皇上已经出走,应该让人各自想法发财了!”于是乱兵欢呼鼓噪,争着进入府库,运走金银锦帛,直到运不动了,才停止下来。乘此时机,百姓也进入宫中,盗窍库房中的物品,彻夜不止。那些未能进入宫中库房的人们,便在路上抢劫。诸坊的居民都各自聚在一起自行守卫。姚令言和哗乱士兵商议说:“现在大家没有主子,不可能长久。朱太尉正在私人府第中闲居,请一起拥戴他吧。”大家答应,便派出几百人骑马到晋昌里府第迎接朱。半夜时分,朱紧扣马缰缓行,张列火炬,前后传呼着进入宫中,在含元殿住下,设置了严密的警戒,自称暂且统辖六军。

  戊申旦,徒居白华殿,出榜于外,称:“泾原将士久处边陲,不闲朝礼,辄入宫阙,至惊乘舆,西出巡幸。太尉已权临六军,应神策军士及文武百官凡有禄食者,悉诣行在;不能往者,即诣本司。若出三日,检勘彼此无名者,皆斩!”于是百官出见,或劝迎乘舆,不悦,百官稍稍遁去。

  戊申(十六日),早晨,朱移居白华殿,在宫外张出告示,声称:“泾原的将士长期身居边疆,不熟悉朝廷的礼仪,便进入宫中,使圣上受到惊动,西出巡幸。朱太尉已经暂且统辖六军。神策军士兵以及文武百官凡是靠俸禄过活的,应当全部前往圣上出巡的地方,不能前往的,可到本官官署来。如果超过三天,查出两处都未具名的人,一概斩首。”于是百官只好出来见朱。有的人劝说朱前去迎接德宗,朱不高兴,于是百官逐渐逃走。

  源休以使回纥还,赏薄,怨朝廷,入见,屏入密语移时,为陈成败,引符命,劝之僭逆。喜,然犹未决。宿卫诸军举白幡降者,列于阙前甚众。夜于苑门出兵,旦自通化门人,骆驿不绝,张弓露刃,欲以威众。

  源休出使回纥归来,由于赏赐菲薄而埋怨朝廷,这时他入宫去见朱,屏退在场的人,秘密交谈了一段时间。他为朱陈述古今成败之理,征引符命之说,劝朱称帝。朱大喜,但还犹豫未决。在宫中为皇上值宿警卫的各支军队举起白旗归降朱的人,排列在宫门前面,为数很多。朱在夜间由宫苑大门放出士兵,到天亮再由通化门进来,络绎不绝,弩张剑拔,打算以此向群众示威。

  上思桑道茂之言,自咸阳幸奉天。县僚闻车驾猝至,欲逃匿山谷;主簿苏弁止之。弁,良嗣之兄孙也。文武之臣稍稍继至;己酉,左金吾大将军至奉天。素有威望,众心恃之稍安。

  德宗想起桑道茂的话,便从咸阳前往奉天。县中的官员听说皇上的车驾突然来到,打算逃到山谷中躲藏起来,主薄苏弁制止了他们。苏弁是苏良嗣之兄的孙子。这时,文武臣僚逐渐地相继到来。己酉(初五),左金吾大将军浑到达奉天。浑素来便有威望,大家倚恃浑,心情稍微安定。

  庚戌,源休劝朱禁十城门,毋得出朝士,朝士往往易服为佣仆潜出。休又为说诱文武之士,使之附。检校司空、同平章事李忠臣久失兵柄,太仆卿张光晟自负其才,皆郁郁不得志,悉起而用之。工部侍郎蒋镇出亡,坠马伤足,为所得。先是休以才能,光晟以节义,镇以清素,都官员外郎彭偃以文学,太常卿敬以勇略,皆为时人所重,至是皆为用。

  庚戌(初六),源休劝说朱关闭长安的十个城门,不许将朝廷官员放出城外。朝廷官员往往改换服装,扮作雇工或仆人,暗中出城。源休又为朱劝诱文武官员,让他们依附朱。检校司空、同平章事李忠臣长期失去兵权,太仆卿张光晟以才干自负,都郁郁不得志,朱全都起用了他们。工部侍郎蒋镇出逃时,掉下马来,脚部摔伤,也被朱得到。在此之前,由于源休才能出众,张光晟能守节义,蒋镇清正俭朴,都官员外郎彭偃有文采学识,太常卿敬勇敢而有谋略,都为当时人所推重,至此,他们都被朱所起用。

  凤翔、泾原将张廷芝、段诚谏将数千人救襄城,未出潼关闻朱据长安,杀其大将陇右兵马使戴兰,溃归于。于是自谓众心所归,谋反遂定。以源休为京兆尹、判度支,李忠臣为皇城使。百司供亿,六军宿卫,咸似乘舆。

  凤翔、泾原将领张廷芝、段诚谏带领数千人援助襄城,还未走出潼关,听说朱占据长安,便杀死大将陇右兵马使戴兰,乱哄哄地归降了朱。朱因此自认为人心所向,便决定谋反。他任命源休为京兆尹、判度支,李忠臣为皇城使。各部门的供给,六军宿卫宫禁,都仿照皇帝的设置。

  辛亥,以浑为京畿、渭北节度使,行在都虞候白志贞为都知兵马使,令狐建为中军鼓角使,以神策都虞候侯仲庄为左卫将军兼奉天防城使。

  辛亥(初七),德宗任命浑为京畿、渭北节度使,行在都虞候白志贞为都知兵马使,令狐建为中军鼓角使,神策都虞候侯仲庄为左卫将军兼任奉天防城使。

  朱以司农卿段秀实久失兵柄,意其必怏怏,遣数十骑召之。秀实闭门拒之,骑士逾垣入,劫之以兵。秀实自度不免,乃谓子弟曰:“国家有患,吾于何避之,当以死徇社稷;汝曹宜人自求生。”乃往见。喜曰:“段公来,吾事济矣。”延坐问计。秀实说之曰:“公本以忠义著闻天下,今泾军以犒赐不丰,遽有披猖,使乘舆播越。夫犒赐不丰,有司之过也,天子安得知之!公宜以此开谕将士,示以祸福,奉迎乘舆,复归宫阙,此莫大之功也!”默然不悦,然以秀实与已皆为朝廷所废,遂推心委之。左骁卫将军刘海宾、泾原都虞候何明礼、孔目官岐灵岳,皆秀实素所厚也,秀实密与之谋诛,迎乘舆。

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