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资治通鉴 231-240 .司马光.

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  自从吴少诚抗拒朝命,官军不到蔡州城下已经有三十多年,所以蔡州人没有防备。壬申(十六日),四更时,李来到蔡州城下,敌军无人知晓。李和李忠义用锄头在城墙上掘出坑坎,率先登城,强壮的士兵便跟在他们身后。看守蔡州城门的士兵正在熟睡,李等人将他们全部杀掉,只将巡夜打更的人留了下来,让他依然如故地去敲打木梆。于是,李等人打开城门,让大家进去。来到内城时,也是采用这种办法,城中的人们都没有发觉官军。鸡叫时,雪停,这时李已经进入吴元济的外宅。有人向吴元济报告说:“官军到啦!”吴元济还在躺着,笑着说:“不过是被俘的囚徒在做盗窃行径罢了!天亮后我会把他们都杀了。”又有前来报告的人说:“州城陷落啦!”吴元济说:“这肯定是洄曲的后生们到我这里来要求发放冬季服装的。”他站起身来,走到院子中向外聆听,听到李军在发布号令说:“常侍传话。”响应号令的有将近一万人。吴元济这才害怕地说:“这是个什么样的常侍,竟能够到此地来呢!”于是,吴元济率领亲信,登上牙城,抵御官军。

  时董重质拥精兵万余人据洄曲。曰:“元济所望者,重质之救耳!”乃访重质家,厚抚之,遣其子传道持书谕重质;重质遂单骑诣降。

  当时,董重质拥有精锐兵马一万多人,占据着洄曲。李说:“吴元济盼望的事情,只是董重质前来援救而已!”于是,李寻找到董重质的家人,深深地抚慰他们,派遣他的儿子董传道带着书信前去规劝董重质,董重质便单人匹马前往李处投降。

  遣李进诚攻牙城,毁其外门,得甲库,取器械。癸酉,复攻之,烧其南门,民争负薪刍助之,城上矢如毛。晡时,门坏,元济于城上请罪,进诚梯而下之。甲戌,以槛车送元济诣京师,且告于裴度。是日,申、光二州及诸镇捕二万余人相继来降。

  李派遣李进诚攻打牙城,毁去牙城的外门,得到了兵甲仓库,取出了军用器具。癸酉(十七日),李进诚再次攻打牙城,火烧牙城的南门,百姓争着背来柴草帮助官军,射向城上的箭象刺猥毛一样密集。到了申时,城门毁环了,吴元济在城上请罪,李进诚用梯子将他接了下来。甲戌(十八日),李用囚车将吴元济送往京城,并且向裴度作了报告。这一天,申、光二州以及各城镇军两万多人相继前来归降。

  自元济就擒,不戮一人,凡元济官吏、帐下、厨厩之卒,皆复其职,使之不疑,然后屯于鞠场以待裴度。

  自从吴元济被擒获后,李没有杀戮任何一人。凡是吴元济的官吏及帐下、厨房、马厩的士兵,李一概恢复他们的职事,使他们没有疑虑。然后,李便在鞠球场上驻屯兵马,等候裴度前来。

  [30]以淮南节度使李为门下侍郎、同平章事。

  [30]宪宗任命淮南节度使李为门下侍郎、同平章事。

  [31]己卯,淮西行营奏获吴元济,光禄少卿杨元卿言于上曰:“淮西大有珍宝,臣能知之,往取必得。”上曰:“朕讨淮西,为人除害,珍宝非所求也。”

  [31]己卯(二十三日),淮西行营奏称俘获了吴元济。光禄少卿杨元卿向宪宗进言说:“淮西有许多珍宝,我知道它们,让我前去寻取,一定能够得到。”宪宗说:“朕讨伐淮西,是为民除害,朕并不要在那里寻求珍宝啊。”

  [32]董重质之去洄曲军也,李光颜驰入其壁,悉降其众。庚辰,裴度遣马总先入蔡州慰抚。辛巳,度建彰义军节,将降卒万余人入城,李具橐出迎,拜于路左。度将避之,曰:“蔡人顽悖,不识上下之分,数十年矣,愿公因而示之,使知朝廷之尊。”度乃受之。

  [32]董重质离开洄曲军后,李光颜奔进他的营垒,将他的兵马全部招降。庚辰(二十四日),裴度派遣马总率先进入蔡州抚慰将士。辛巳(二十五日),裴度手执彰义军的符节,带领投降的士兵一万多人进入蔡州城,李全副武装,出来迎接,在道路左侧向裴度行礼。裴度准备避开李的拜礼,李说:“蔡州人愚妄悖逆,不懂得长官与下属的名分,已经有几十年了,希望您就此显示给他们,使他们知道朝廷的尊严。”于是,裴度接受了拜礼。

  李还军文城,诸将请曰:“始公败于朗山而不忧,胜于吴房而不取,冒大风甚雪而不止,孤军深入而不惧,然卒以成功,皆众人所不谕也,敢问其故?”曰:“朗山不利,则贼轻我而不为备矣。取吴房,则其众奔蔡,并力固守,故存之以分其兵。风雪阴晦,则烽火不接,不知吾至。孤军深入,则人皆致死,战自倍矣。夫视远者不顾近,虑大者不详细,若矜小胜,恤小败,先自挠矣,何暇立功乎!”众皆服。俭于奉己而丰于待士,知贤不疑,见可能断,此其所以成功也。

  李返回文城栅驻扎。各位将领请教说:“起初,您在朗山战败了,但并不发愁;在吴房取胜了,但并不夺取吴房;冒着大风暴雪,但并不肯停止行军;带着孤立无援的军队深入敌境,但并不畏惧。然而,您终于因此获得成功,这都是大家所不明白的,请让我们冒昧地询问其中的原由。”李说:“朗山失利,敌人便轻视我们,因而不作防备了。夺取吴房,吴房的人马便要逃奔蔡州,合力坚守,所以我将吴房留下来,以便分散敌人的兵力。急风暴雪,天色昏暗,便不能够用烽火取得联系,敌人就不会知道我们已经到来。孤立无援的军队深入敌境,人们便都献身效死,打起仗来自然就会加倍出力。一般说来,眺望远处的人不必顾及近处,计虑大事的人不必知悉细事。倘若夸耀小小的胜利,顾惜小小的失败,首先就把自己搅乱了,哪里还有余暇去建立功劳呢!”大家都服气了。李生活节俭,但对将士的供养却是丰厚的;他了解到一个人是贤能的,就不对他疑心;他见到可以实行的事,便能做出决断;这就是他获得成功的原由。

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