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资治通鉴 251-260 .司马光.

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  [13]六月,以御史大夫李蔚为中书侍郎、同平章事。

  [13]六月,唐僖宗任命御史大夫李蔚为中书侍郎、同平章事。

  [14]辛未,高骈阴籍突将之名,使人夜掩捕之,围其家,挑墙坏户而入,老幼孕病,悉驱去杀之,婴儿或扑于阶,或击于柱,流血成渠,号哭震天,死者数千人,夜,以车载尸投之于江。有一妇人,临刑,戟手大骂曰:“高骈!汝无故夺有功将士职名、衣粮,激成众怒;幸而得免,不省已自咎,乃更以诈杀无辜近万人,天地鬼神,岂容汝如此!我必诉汝于上帝,使汝他日举家屠灭如我今日,冤抑污辱如我今日,惊忧惴恐如我今日!”言毕,拜天,怫然就戮。久之,突将有自戍役归者,骈复欲尽族之,有元从亲吏王殷谏曰:“相公奉道,宜好生恶杀,此属在外,初不同谋,若复诛之,则自危者多矣!”骈乃止。

  [14]辛未(二十日),高骈暗中记下突将的姓名,派人乘夜逮捕突将,他们先将突将的家围住,跳墙破户入其宅,不管是老幼和孕妇病人,全都赶出去处死,有的婴儿被扑杀于门阶上,有的被在柱上撞死,一时流血成渠,哭喊之声震天,被杀死者达数千人。夜晚,派人用车载以尸体投入江中。有一位妇女临刑时挥手大骂:“高骈!你无辜剥夺有功将士的职名和衣粮,激怒众人攻打府廷,虽有幸得以免死,不但不反省自己的错误,反而用狡诈奸计滥杀近万无辜士民,天地鬼神岂能容忍你如此作恶!我一定要到上天那里控诉你,使你象我今日一样举家遭屠灭,象我今日一样含冤受辱,象我今日一样遭受惊忧!”说完后向天跪拜,从容就刑。有的突将自戍役处归来,高骈又想将他们举族杀尽,有跟随高骈多年的亲吏王殷劝谏说:“高相公既奉信道教,应尊重生命,厌恶杀人。这些突将在外戍役,起初并没有参与叛乱阴谋,如果将他们也诛杀,恐怕使人人自危,反而不利于军府!”高骈觉得有理,这才停止屠杀。

  [15]王仙芝及其党尚君长攻陷濮州、曹州,众至数万;天平节度使薛崇出兵击之,为仙芝所败。

  [15]王仙芝及其党羽尚君长率军攻陷濮州、曹州,其队伍发展至数万人,唐天平军节度使薛崇出兵讨伐,被王仙芝打败。

  冤句人黄巢亦聚众数千人应仙芝。巢少与仙芝皆以贩私盐为事,巢善骑射,喜任侠,粗涉书传,屡举进士不第,遂为盗,与仙芝攻剽州县,横行山东,民之困于重敛者争归之,数月之间,从至数万。

  冤句人黄巢也聚集了数千人响应王仙芝。黄巢少年时与王仙芝都以贩私盐为生,黄巢善于骑马射箭,性格豪爽任侠,粗略地猎涉了史传经书,但屡次参加进士科考试均未及第,于是成为盗贼,与王仙芝攻略州、县,横行于山东,农民在官府重敛下无以为生,于是争相投奔黄巢,几个月内,队伍即发展到数万人。

  [16]卢龙节度使张公素,性暴戾,不为军士所附。大将李茂勋,本回鹘阿布思之族,回鹘败,降于张仲武;仲武使戍边,屡有功,赐姓名。纳降军使陈贡言者,幽之宿将,为军士所信服,茂勋潜杀贡言,声云贡言,举兵向蓟;公素出战而败,奔京师。茂勋入城,众乃知非贡言也,不得已,推而立之,朝廷因以为留后。

  [16]唐卢龙节度使张公素,性情凶狠残暴,不为士卒所依附。大将李茂勋本是回鹘阿布思的后裔,回鹘败亡时,投降卢龙节度使张仲武,张仲武收下他,并让他入军籍戍边,因屡立战功,赐予他李茂勋的姓名。纳降军使陈贡言是幽州的宿将,受到军士们的信服,李茂勋暗中将陈贡言杀死,却打着陈贡言的旗号举兵攻蓟州,张公素出战失败,逃奔京师,李茂勋进入幽州城,众人这才知道并不是陈贡言,但不得已也只好推李茂勋为主,朝廷因此任命李茂勋为卢龙军留后。

  [17]秋,七月,蝗自东而西,蔽日,所过赤地。京兆尹杨知至奏“蝗入京畿,不食稼,皆抱荆棘而死。”宰相皆贺。

  [17]秋季,七月,蝗虫自东飞到西边,遮天蔽日,所过之地尽为赤地,草木五谷皆被吃尽。京兆尹杨知至向唐僖宗上奏称:“蝗虫飞入京畿地区,不吃庄稼,全都抱着荆棘而死去。”宰相们都来致贺。

  [18]八月,李茂勋为卢龙节度使。

  [18]八月,朝廷正式任命李茂勋为卢龙节度使。

  [19]九月,右补阙董禹谏上游畋、乘驴击毯;上赐金帛以褒之。宁节度使李侃奏为假父华清宫使道雅求赠官,禹上疏论之,语颇侵宦官。枢密使杨复恭等列诉于上,冬,十月,禹坐贬郴州司马。复恭,钦义之养孙也。

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