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资治通鉴 251-260 .司马光.

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  [4]秋,七月,壬午,时溥遣使献黄巢及家人首并姬妾,上御大玄楼受之。宣问姬妾:“汝曹皆勋贵子女,世受国恩,何为从贼?”其居首者对曰:“狂贼凶逆,国家以百万之众,失守宗祧,播迁巴、蜀;今陛下以不能拒贼责一女子,置公卿将帅于何地乎!”上不复问,皆戮之于市。人争与之酒,其余皆悲怖昏醉,居首者独不饮不泣,至于就刑,神色肃然。

  [4]秋季,七月,壬午(二十四日),时溥派遣使臣进献黄巢和他家人的头颅以及他的众妾,唐僖宗亲临成都大玄楼接受进献。僖宗向黄巢的众妾问话:“你们都是显贵人家的子女,世代接受国家的恩惠,为什么要跟随贼寇呀?”站在前面的一位回答说:“贼寇逞凶作乱,大唐有百万军队,却不能固守祖庙,流落到巴蜀一带,今天陛下责备一个女子不能抗拒贼寇,那么朝中的王公大臣将军统帅们又怎么说呢!”僖宗不再问话,下令全部在集市杀掉。人们争着给黄巢的众妾送酒,其余的人都悲痛恐惧昏昏沉沉地喝醉了,唯独站在前面的那位既不饮酒也不哭泣,到了处刑的时候,神态脸色肃穆坦然。

  [5]朱全忠击秦宗权,败宗权于水。

  [5]朱全忠攻击秦宗权,在水将他打败。

  [6]李克用至晋阳,大治甲兵,遣榆次镇将雁门李承嗣奉表诣行在,自陈“有破黄巢大功,为朱全忠所图,仅能自免,将佐已下从行者三百余人,并牌印皆没不返。全忠仍榜东都、陕、孟,云臣已死,行营兵溃,令所在邀遮屠翦,勿令漏失,将士皆号泣冤诉,请复仇。臣以朝延至公,当俟诏命,拊循抑止,复归本道。乞遣使按问,发兵诛讨,臣遣弟克勤将万骑在河中俟命。”时朝廷以大寇初平,方务姑息,得克用表,大恐,但遣中使赐优诏和解之。克用前后凡八表,称:全忠妒功疾能,阴狡祸贼,异日必为国患。惟乞下诏削其官爵,臣自帅本道兵讨之,不用度支粮饷。”上累遣杨复恭等谕指,称:“吾深知卿冤,方事之殷,姑存大体。”克用终郁郁不平。时藩镇相攻者,朝廷不复为之辩曲直。由是互相吞噬,惟力是视,皆无所禀畏矣!

  [6]李克用到达晋阳,大规模地修整盔甲武器,派遣镇守榆次的将军雁门人李承嗣恭奉表文到唐僖宗那里,部陈述道:“李克用有打败黄巢的大功劳,却中了朱全忠的阴谋圈套,仅是免于一死,身边的将领辅佐官员之下跟随的三百余人,和朝廷授给的牌印都全覆没。朱全忠还屡屡在东都、陕州、孟州张贴告示,说我已经死亡,军营中的人马溃散,他命令各地拦截阻击全部斩杀,不许漏网一个,为此军营中的将领和士兵都哭诉冤屈,请求报仇。我认为朝廷最为公正,应当等皇上颁发了诏命再行动,因此安抚手下人马遵循朝纲,制止了他们要擅自报仇的请求,又回到原来的营地。现在恳求皇上派遣使臣审查讯问这一事件,发兵讨伐朱全忠,我派弟弟李克勤带领一万骑兵在河中府等候命令。”当时朝廷认为黄巢大寇刚刚平灭,为政应当宽容一些,接到李克用的表文,大为吃惊,只是派遣宦官赐发褒嘉奖励李克用诏书,劝二人和解。李克用先后共八次进呈表文,说:“朱全忠妒忌他人的功劳和才能,是阴险狡诈的乱臣贼子,将来一定会成为国家的祸患。只皇上颁发诏令削去朱全忠的官职和爵位,我亲自率领本道官兵对他进行讨伐,不用朝廷支给粮食和兵饷。”唐僖宗几次派遣杨复恭等人向李克用传达谕令,说:“我深知你的冤屈,可是现在事务繁多,你姑且以大局为重吧。”对此李克用一直愤懑不平。当时对各藩镇的相互攻打,朝廷不再为他们明辨谁是谁非。由于这样,各藩镇尽管互相侵吞,只看实力,都没有什么因禀告朝廷而畏惧的了。

  [7]八月,李克用奏请割麟州隶河东,又请以弟克为昭义节度使,皆许之。由是昭义分为二镇。进克用爵陇西郡王。克用奏罢云蔚防御使,依旧隶河东,从之。

  [7]八月,李克用上奏请求朝廷把麟州割让隶属河东节度使管辖,又请求任命他的弟弟李克为昭义节度使,朝廷都准许了他。从此,昭义分成了两个镇。朝廷还为李克用晋升爵位为陇西郡王。李克用奏请裁撤云蔚防御使,云州、蔚州、朔州仍隶属河东节度使管辖,朝廷也依从了他。

  [8]九月,己未,加朱全忠同平章事。

  [8]九月,己未(初二),朝廷加封朱全忠为同平章事。

  [9]以右仆射、大明宫留守王徽知京兆尹事。上以长安宫室焚毁,故久留蜀未归。徽招抚流散,户口稍归,复缮治宫室,百司粗有绪。冬,十月,关东藩镇表请车驾还京师。

  [9]朝廷任命右仆射、大明宫留守王徽为知京兆尹牧事。唐僖宗因为长安宫殿被黄巢烧毁,所以长期留在蜀地而没回去。王徽招抚流散的百姓,长安的居民稍微回来一些,又修缮治理宫室,各官署粗略地有了些头绪。冬季,十月,关东的藩镇进呈表文请求唐僖宗回京师长安。

  [10]朱全忠之降也,义成节度使王铎为都统,承制除官。全忠初镇大梁,事铎礼甚恭,铎依以为援。而全忠兵浸强,益骄倨,铎知不足恃,表请还朝,徙铎为义昌节度使。

  [10]朱全忠投降的时候,义成节度使王铎是都统,受命为朱全忠封官授职。起初朱全忠镇守大梁,侍奉王铎礼节十分恭谦,王铎依赖朱仓忠为援。随着朱全忠人马的渐渐强大,他越来越骄横傲慢,王铎知道朱全忠这人靠不住,便进呈表文请求回到朝廷任职,朝廷于是将王铎调任义昌节度使。

  [11]鹿晏弘之去河中,王建、韩建、张造、晋晖、李师泰各帅其众与之俱;及据兴元,以建等为巡内剌史,不遣之官。晏弘猜忌,众心不附,王建、韩建素相亲善,晏弘尤忌之,数引入卧内,待之加厚,二建相谓曰:“仆射甘言厚意,疑我也,祸将至矣!”田令孜密遣人以厚利诱之,十一月,二建与张造、晋晖、李师泰帅众数千逃奔行在,令孜皆养为假子,赐与巨万,拜诸卫将军,使各将其众,号随驾五都。又遣禁兵讨晏弘,晏弘弃兴元走。

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