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资治通鉴 251-260 .司马光.

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  [12]朱全忠裹粮于宋州,将攻秦宗权;会乐从训来告急,乃移军屯滑州,遣都押牙李唐宾等将步骑三万攻蔡州,遣都指挥使朱珍等分兵救乐从训。自白马济河,下黎阳、临河、李固三镇;进至内黄,败魏军万余人,获其将周儒等十人。

  [12]朱全忠在宋州裹带粮食,要攻打秦宗权。恰逢乐从训前来向他求援,朱全忠于是把军队调到滑州驻扎,派遣都押牙李唐宾等人带领步兵、骑兵三万人攻打蔡州,派遣都指挥使朱珍等人分别带领军队去救援乐从训。从白马渡过黄河,攻克黎阳、临河、李固三个镇,开进到内黄,打败魏州军队一万余人,擒获魏州军队将领周儒等十人。

  [13]李克用以其将康君立为南面招讨使,督李存孝、薛阿檀、史俨、安金俊、安休休五将、骑七千,助李罕之攻河阳。张全义婴城自守,城中食尽,求援于朱全忠,以妻子为质。

  [13]李克用委任属将康君立为南面招讨使,督率李存孝、薛阿檀、史俨、安金俊、安休休五位将领和骑兵七千,前去援助李罕之攻打河阳。张全义据城固守,河阳城内粮食没有了,张全义向朱全忠请求救援,让妻子儿女做人质。

  [14]王建攻彭州,陈敬救之,乃去。建大掠西川,十二州皆被其患。

  [14]王建进攻彭州,陈敬救助彭州,王建于是离去。王建到西川大肆抢掠,西川的十二个州都遭受蹂躏。

  [15]夏,四月,庚午,追尊上母王氏曰恭宪皇后。

  [15]夏季,四月,庚午(初三),唐昭宗追尊生母王氏为恭宪皇后。

  [16]壬午,孙儒袭扬州,克之;杨行密出走,儒自称淮南节度使。行密将奔海陵,袁袭劝归庐州,再为进取之计,从之。

  [16]壬午(十五日),孙儒攻打扬州,攻克扬州城;杨行密离开扬州逃走,孙儒自称淮南节度使。杨行密要投奔海陵,袁袭劝他回到庐州,再作进攻打算,杨行密听从了袁袭的意见。

  [17]朱全忠遣其将丁会、葛从周、牛存节将兵数万救河阳。李存孝令李罕之以步兵攻城,自帅骑兵逆战于温,河东军败,安休休惧罪,奔蔡州。汴人分兵欲断太行路,康君立等惧,引兵还。全忠表丁会为河阳留后,复以张全义为河南尹。会,寿春人;存节,博昌人也。全义德全忠出己,由是尽心附之,全忠每出战,全义主给其粮仗无乏。

  [17]朱全忠派遣属下将领丁会、葛从周、牛存节带领军队几万人救援河阳。李存孝命令李罕之带领步兵攻城,自己率领骑兵在温县迎战,河东军队大败,安休休惧怕治罪,逃奔蔡州。朱全忠分派汴州军队想要截断河阳以北的太行路,康君立等河东将领很恐惧,当即带领人马返回。朱全忠进呈表章,任命丁会为河阳留后,又任命张全义为河南尹。丁会,是寿春人;牛存节,是博昌人。张全义感激朱全忠救出自己,因此诚心实意地归附他,朱全忠每次出兵作战,张全义主持供给粮食兵器,从来没有缺乏。

  李罕之为泽州刺史,领河阳节度使。罕之留其子颀事克用,身还泽州,专以寇钞为事,自怀、孟、晋、绛数百里间,州无刺史,县无令长,田无麦禾,邑无烟火者,殆将十年。河中、绛州之间有摩云山,绝高,民保聚其上,寇盗莫能近,罕之攻拔之,时人谓之“李摩云”。

  李罕之做泽州刺史,兼任河阳节度使。留下他的儿子李颀侍奉李克用,自己回到泽州,专门做侵扰掠夺等事,从怀州、孟州、晋州、绛州几百里的范围,州府没有刺史,县衙没有县令长官,田间见不到谷麦庄稼,落小城看不到百姓做饭的烟火,持续将近十年。河中、绛州之间有一座摩云山,高耸入云,百姓自相保护聚集在这座山上,贼寇强盗不能接近,李罕之攻打占据了这座山,因此当时人们都叫他“李摩云”。

  [18]乐从训移军洹水,罗弘信遣其将程公信击从训,斩之,与父彦祯皆枭首军门。癸巳,遣使以厚币镐全忠军,请修好,全忠乃召军还。诏以罗弘信权知魏博留后。

  [18]乐从训率领军队转移到洹水,罗弘信派遣属下将领程公信攻打乐从训,将乐从训斩杀,与他的父亲乐彦祯一起在军营大门悬首示众。癸巳(二十六日),罗弘信派出使者带着十分丰厚的礼物犒劳朱全忠的军队,希望与他和好,朱全忠于是召令军队撤回。昭宗颁布诏令,任命罗弘信暂代魏博留后。
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