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资治通鉴 261-270 .司马光.

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  [17]五月,礼院上奏,皇帝登位应该祭祀南郊;敕令在十月甲午(初九)举行。

  [18]乙丑,彗星长竟天。

  [18]乙丑(初七),彗星尾长贯穿天空。

  柳璨恃朱全忠之势,恣为威福。会有星变,占者曰:“君臣俱灾,宜诛杀以应之。”璨因疏其素所不快者于全忠曰:“此曹皆聚徙横议,怨望腹非,宜以之塞灾异。”李振亦言于朱全忠曰:“朝廷所以不理,良由衣寇浮薄之徙紊乱纲纪;且王欲图大事,此曹皆朝廷之难制者也,不若尽去之。”全忠以为然。癸酉,贬独孤损为隶州刺史,裴枢为登州刺史,崔远为莱州刺史。乙亥,贬吏部尚书陆为濮州司户,工部尚书王溥为淄州司户。庚辰,贬太子太保致仕赵崇为曹州司户,兵部侍郎王赞为潍州司户。自馀或门胄高华,或科第自进,居三省台阁,以名检自处,声迹稍著者,皆指为浮薄,贬逐无虚日,缙绅为之一空。辛巳,再贬裴枢为泷州司户,独孤损为琼州司户,崔远为白州司户。

  柳璨仗恃朱全忠的势力,恣意作威作福。适逢有彗星出现,占卜的人说:“君臣都有灾祸,应该诛杀以应天意。”柳璨因此向朱全忠上书列举他平日所不喜欢的人说:“这些人都聚集同伙横加议论,怨恨不满,应该拿他们遏止灾祸。”李振也对朱全忠说:“朝政不能治理的缘故,确实是由于官员中的轻浮浅薄之徙紊乱法纪;况且大王想要图谋大事,这些人都是朝廷中难于制服的人,不如全部除去他们。”朱全忠以为是这样。癸丑(十五日),贬独孤损为棣州刺史,裴枢为登州刺史,崔远为莱州刺史。乙亥(十七日),贬吏部尚书陆为濮州司户,工部尚书王溥为淄州司户。庚辰(二十二日),贬以太子太保退休的赵崇为曹州司户,兵部侍郎王赞为潍州司户。其余或者豪门贵胄,或者科举及第,在三省台阁任职,以名节自居,声誉政迹稍为显著的人,都被指为轻浮浅薄,贬官驱逐连日不断,朝中官员为之一空。辛巳(二十三日),又贬裴枢为泷州司户,独孤损为琼州司户,崔远为白州司户。

  [19]甲申,忠义节度使赵匡凝遣使修好于王建。

  [19]甲申(二十六日),忠义节度使赵匡凝派遣使者与王建和好。

  [20]六月,戊子朔,敕裴枢、独孤损、崔远、陆、王溥、赵崇、王赞等并所在赐自尽。

  [20]六月戊子朔(初一),敕令裴枢、独孤损、崔远、陆、王溥、赵崇、王赞等同时在当地赐令自杀。

  时全忠聚枢等及朝士贬者三十余人于白马驿,一夕尽杀之,投尸于河。初,李振屡举进士,竟不中第,故深疾缙绅之士,言于全忠曰:“此辈常自谓清流,宜投之黄河,使为浊流!”全忠笑而从之。

  当时朱全忠把裴枢等人及被贬斥的朝中官员三十余人聚集在滑州白马驿,一个晚上把他们全部杀死,将尸体抛入黄河。起初,李振屡次参加进士考试,结果不中,所以很嫉妒科举出身的官员,对朱全忠说:“这些人常自称为清流,应该把他们投入黄河,使他们成为浊流!”朱全忠笑着依从了李振。

  振每自汴至洛,朝廷必有窜逐者,时人谓之鸱枭。见朝士皆颐指气使,旁若无人。

  李振每次从汴州到洛阳,朝廷一定有被放逐的官员,当时人称他为猫头鹰。每见朝中的官员,都是颐指气使,旁若无人。

  全忠尝与僚佐及游客坐于大柳之下,全忠独言曰:“此柳宜为车毂。”众莫应。有游客数人起应曰:“宜为车毂。”全忠勃然厉声曰:“书生辈好顺口玩人,车毂须用夹榆,柳木岂可为之!”顾左右曰:“尚何待!”左右数十人,暮言“宜为车毂”者悉扑杀之。

  朱全忠曾经与属官及游客坐在大柳树下面,朱全忠自言自语地说:“这株柳树适宜于做车毂。”属官没有响应。有几个游客起身响应说:“适宜做车毂。”朱全忠勃然大怒,声音严厉地说:“书生之辈喜好顺口附和以玩弄人,都像这样!车毂必须用榆木制作,柳木岂能制作!”环视左右的人说:“还等待什么!”左右数十人,拉出说“适宜做车毂”的游客全部打死。

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