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资治通鉴 261-270 .司马光.

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  夏季,四月,后梁帝派遣供奉官扈异前往抚慰魏军,并答应让张彦做刺史。张彦请求恢复相、澶、卫三州隶属天雄的旧制。扈异回到朝廷以后说,张彦容易对付,只需命令刘派兵增援,马上就可以拿回张彦的首级来。后梁帝因此没有同意任命张彦做刺吏,仅仅以褒扬的诏书回答他。使者返回魏军时,张彦将诏书撕碎扔在地上,用手指着南面怒骂朝廷,并对贺德伦说:“天子遇昧昏庸,听凭别人牵着鼻子走。现在我的军队虽然还很强盛,但是如果没有外援,仍然不能自立,应当向晋王表示亲善。”于是逼着贺德伦写信向后晋王求援。

  [5]李继徽假子保衡杀李彦鲁,自称静难留后,举、宁二州来附。诏以保衡为感化节度使,以河阳留后霍彦威为静难节度使。

  [5]李继徽的养子李保衡杀死了李彦鲁,自称静难留后,并带着、宁二州归附后梁。后梁帝下诏,任命李保衡为感化节度使,任命河阳留后霍彦威为静难节度使。

  [6]吴徐温以其子牙内都指挥使知训为淮南行军副使、内外马步诸军副使。

  [6]吴国的镇海节度使徐温让他的儿子牙内都指挥使徐知训出任淮南行军副使和内外马步诸军副使。

  [7]晋王得贺德伦书,命马步副总管李存审自赵州进据临清。五月,存审至临清,刘屯洹水。贺德伦复遣使告急于晋,晋王引大军自黄泽岭东下,与存审会于临清,犹疑魏人之诈,按兵不进。德伦遣判官司空犒军,密言于晋王曰:“除乱当除根。”因言张彦凶狡之状,劝晋王先除之,则无虞矣。王默然。,贝州人也。

  [7]晋王接到贺德伦的信以后,便命令马步副总管李存审从赵州出发去占据临清。五月,李存审到达临清,后梁开封尹刘的军队驻扎在洹水。贺德伦又派出使者向晋王告急,晋王亲率大军从黄泽岭东下,在临清与李存审会师,这时他们仍然怀疑魏人有诈,所以按兵不进。贺德伦派判官司空前去慰劳晋王军队,秘密地对晋王说:“除乱当除根。”进而把张彦凶残狡诈的情况告诉了晋王,劝说晋王首先把张彦除掉,就没有什么忧患了。晋王听了之后没有表态。司空是贝州人。

  晋王进屯永济,张彦选银枪效节五百人,皆执兵自卫,诣永济谒见,王登驿楼语之曰:“汝陵胁主帅,残虐百姓,数日中迎马诉冤者百馀辈。我今举兵而来,以安百姓,非贪人土地。汝虽有功于我,不得不诛以谢魏人。”遂斩彦及其党七人,馀众股栗。王召谕之曰:“罪止八人,馀无所问。自今当竭力为吾爪牙。”众皆拜伏,呼万岁。明日,王缓带轻裘而进,令张彦之卒擐甲执兵,翼马而从,仍以为帐前银枪都。众心由是大服。

  晋王率领军队向前推进,驻扎在永济。张彦挑选银枪效节五百人,都全副武装,加强自卫,到永济拜见晋王,晋王登上驿站的城楼对他说:“你欺凌逼迫主帅,残害百姓,连日来迎马诉冤的就有百余批。我今天率兵而来,目的是安定百姓,并非来贪图别人的土地。你虽然对我有功,但为了向魏州人民谢罪,不得不将你杀掉。”于是晋王斩了张彦及其同伙共七人,其余的乱兵吓得腿都发抖,十分恐惧。晋王把其余乱兵召集来对他们说:“有罪的只有八人、其余的一概不追究。从今以后你们应当竭力成为我的亲信。”大家听后都跪伏在地感谢,高呼万岁。第二天,晋王宽带轻衣,十分从容地继续前进,命令张彦的士卒披甲执枪,全副武装,跟随在晋王的两侧,把他们仍然作为帐前银枪都。乱军士兵从此顺服了晋王。

  刘闻晋军至,选兵万馀人,自洹水趣魏县;晋王留李存审屯临清,遣史建瑭屯魏县以拒之,王自引亲军至魏县,与夹河为营。

  刘听到晋军将要到来,选出一万多士卒从洹水直达魏县。晋王留下李存审的军队驻扎在临清,同时派遣史建瑭屯兵魏县来抵御刘,晋王亲自率领随身护卫的士兵到了魏县,与刘在漳河的两岸安营扎寨。

  帝闻魏博叛,大悔惧,遣天平节度使牛存节将兵屯杨刘,为声援。会存节病卒,以匡国节度使王檀代之。

  后梁帝听说魏博这个重要军镇投降了晋王,感到十分悔恨和恐惧,于是派遣天平节度使牛存节率兵驻扎在杨刘,声援刘。不久,牛存节病死,又用匡国节度使王檀代替了他。

  [8]岐王遣彰义节度使刘知俊围州,霍彦威固守拒之。

  [8]岐王李茂贞派遣彰义节度使刘知俊包围了州,后梁将霍彦威坚守州抵御。

  [9]六月,庚寅朔,贺德伦帅将吏请晋王入府城慰劳。既入,德伦上印节,请王兼领天雄军,王固辞,曰:“比闻汴寇侵逼贵道,故亲董师徒,远来相救;又闻城中新罹涂炭,故暂入存抚。明公不垂鉴信,乃以印节见推,诚非素怀。”德论再拜曰:“今寇敌密迩,军城新有大变,人心未安,德伦心腹纲为张彦所杀殆尽,形孤势弱,安能统众!一旦生事,恐负大恩。”王乃受之。德伦师将吏拜贺,王承制以德伦为大同节度使,遣之官。德伦至晋阳,张承业留之。
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