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资治通鉴 281-290 .司马光.

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  景运寻罢为太子少傅。

  徐景运不久被罢免中书侍郎、同平章事之职而任太子少傅。

  [11]夏,四月,丙戌朔,日有食之。

  [11]夏季,四月,丙戌朔(初一),出现日食。

  [12]帝以曹英等攻兖州久未克,乙卯,下诏亲征,以李权东京留守兼判开封府,郑仁诲权大内都巡检,又以侍卫马军都指挥使郭崇充在京都巡检。

  [12]后周太祖因为曹英等攻打兖州长时间不下,乙卯(三十日),下诏书亲自出征,任命李代理东京留守兼领开封府,郑仁诲代理大内都巡检,又任命侍卫马军都指挥使郭崇担任在京都巡检。

  [13]唐主既克湖南,遣其将李建期屯益阳以图朗州,以知全州张峦兼桂州招讨使以图桂州,久之,未有功。唐主谓冯延己、孙晟曰:“楚人求息肩於我,我未有抚有疮痍而虐用其力,非所以副来苏之望;吾欲罢桂林之役,敛益阳之戍,以旌节授刘言,何如?”晟以为宜然。延己曰:“吾出偏将举湖南,远近震惊;一旦三分丧二,人将轻我。请委边将察其形势。”唐主乃遣统军使侯训将兵五千自吉州路趣全州,与张峦合兵攻桂州。南汉伏兵於山谷,峦等始至城下,罢乏,伏兵四起,城中出兵夹击之,唐兵大败,训死,峦收散卒数百奔归全州。

  [13]南唐主已经攻克湖南,派遣其将领李建期屯兵益阳来谋取朗州,任命知全州事务张峦兼任桂州招讨使来谋取桂州,旷日持久,没有成功。南唐主对冯延己、孙晟说:“楚人求我能让他们休养生息,但我没有抚恤治疗战乱的创伤反而滥用民力,这不是用以实现楚人复苏愿望的办法;我打算停止桂林的战役,收回益阳的屯兵,将指挥权授于刘言,怎么样?”孙晟认为应该这样。冯延己说:“我们派出偏将攻取湖南,远近四方为之震惊;若一旦丧失三分之二,人家将会轻视我们。请求委派守边将领试探朗州、桂州的形势。”南唐主于是派遣统军使侯训领兵五千从吉州一路赶赴全州,与张峦合兵进攻桂州。南汉在山谷埋伏军队,张峦等刚到城下,十分疲乏,突然南汉伏兵四起,桂州城中出动军队前后夹击,南唐军队大败,侯训战死,张峦收拾残兵数百逃归全州。

  [14]五月,庚申,帝发大梁;戊辰,至兖州。己巳,帝使人招谕慕容彦超,城上人语不逊;庚午,命诸军进攻。

  [14]五月,庚申(初五),后周太祖从大梁出发;戊辰(十三日),到达兖州。己巳(十四日),后周太祖派人招安慕容彦超,但城上的人出言不逊;庚午(十五日),后周太祖命令各军发起进攻。

  先是,术者给彦超云:“镇星行至角、亢,角、亢兖州之分,其下有福。”彦超乃立祠而祷之,令民间皆立黄幡。彦超性贪吝,官军攻城急,犹瘗藏珍宝,由是人无斗志,将卒相继有出降者。乙亥,官军克城,彦超方祷镇星祠,帅众力战,不胜,乃焚镇星祠,与妻赴井死;子继勋出走,追获,杀之。官军大掠,城中死者近万人。初,彦超将反,募群盗置帐下,至者二千余人,皆山林犷悍,竟不为用。


  在此之前,方士欺骗慕容彦超说:“土星已运行到角、亢二宿,角、亢是兖州的分野,土星下面有福运。”慕容彦超于是建立祠堂祈祷求福,并命令民间都要树立黄色旗幡。慕容彦超生性贪婪吝啬,官军攻城紧急,仍然埋藏珍宝,因此人无斗志,将领士卒相继有出城投降的。乙亥(二十日),官军攻克兖州城,慕容彦超正在土星祠祈祷,急忙率领部众拼力战斗,没有获胜,于是焚烧土星祠,与妻子投井而死。儿子慕容继勋出城逃跑,被追兵抓获,杀死。官军大肆抢掠,城中死的接近万人。当初,慕容彦超将要反叛,招募群盗安置在自己手下,来的盗贼有二千多人,都是山林粗犷强悍之徒,结果却没有被他派上用场。

  帝欲悉诛兖州将吏,翰林学士窦仪见冯道、范质,与之共白帝曰:“彼皆胁从耳。”乃赦之。丁丑,以端明殿学士颜权知兖州事。赦兖州管内,彦超党逃匿者期一月听自首,前已伏诛者赦其亲戚。癸未,降泰宁军为防御州。

  后周太祖想诛杀兖州所有的将领官吏,翰林学士窦仪谒见冯道、范质,和二人共同对后周太祖说:“他们都只是胁从罢了。”太祖于是赦免了兖州将吏。丁丑(二十二日),任命端明殿学士颜临时主持兖州事务。在兖州管区内实行大赦,规定慕容彦超同党逃跑隐匿者一月之内随时可以自首,以前已经伏罪诛杀者赦免他们的亲戚。癸未(二十八日),将泰宁军降为防御州。

  [15]唐司徒致仕李建勋卒,且死,戒其家人曰:“时事如此,吾得良死幸矣!勿封土立碑,听人耕种於其上,免为他日开发之标。”及江南之亡也,诸贵人高大之冢无不发者,惟建勋冢莫知其处。

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